भारत के इतिहास में यदि महान सम्राट का दर्जा किसी के पास है तो, वो है अशोक महान! अशोक चन्द्रगुप्त के पुत्र बिन्दुसार का पुत्र था!
कभी हार न मानने वाले,हिंसा से न डरने वाले अशोक ने भारत भर में अपनी विजय का परचम लहराया था !
लेकिन अशोक महान ने कलिंग युद्ध में भीषण नरसंहार को देखकर जीवन में कभी हिंसा न करने का निश्चय ले लिया!
कभी हार न मानने वाले,हिंसा से न डरने वाले अशोक ने भारत भर में अपनी विजय का परचम लहराया था !
लेकिन अशोक महान ने कलिंग युद्ध में भीषण नरसंहार को देखकर जीवन में कभी हिंसा न करने का निश्चय ले लिया!
उसने 'युद्ध विजय के स्थान पर धम्म विजय' का मार्ग अपना!
उसने घोषणा कर दी कि अब 'भेरिघोष के स्थान पर धर्म-घोष' की गूंज सुनाई देगी!
अशोक ने बुद्ध धर्म का अनुयायी बनकर अपना सम्पूर्ण जीवन जनहित कार्यों में लगा दिया!
इतना ही नही अपने बेटे महेन्द्र और अपनी बेटी संघमित्रा को बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए श्रीलंक,वर्मा आदि देशों में भेज दिया!
अशोक ने बौद्ध स्तूपों का निर्माण कराया!
251 ईसा.पू. पाटलिपुत्र में तृतीय बौद्ध संगति आयोजित की!
उसने अपने शासानदेशों को अनेक स्थानों पर शिलालेखों पर खुदवाया!
उसने बौद्ध तीर्थ स्थलों की भी यात्रा की !
ग्रेट अशोका॥
No comments:
Post a Comment